विद्युत मंत्रालय के अधीन महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और अग्रणी एनबीएफसी- आरईसी लिमिटेड को आईआईटी मद्रास कॉरपोरेट सामाजिक जवाबदेही सम्मेलन- ‘भारत का निर्माण 2047: बेहतर कल के लिए प्रौद्योगिकी’ के दौरान ‘अभिनव प्रौद्योगिकी विकास पुरस्कार’ से 19 फरवरी, 2024 को सम्मानित किया गया है।
यह पुरस्कार आईआईटी- मद्रास में 2 मेगावाट रूफटॉप सौर संयंत्र की स्थापना को लेकर आरईसी की सीएसआर पहल के लिए प्रदान किया गया है।
यह सौर संयंत्र हर साल लगभग 31.5 लाख यूनिट स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे आईआईटी मद्रास को अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में सहायता मिलती है।
आरईसी लिमिटेड को इससे पहले वर्ष 2023 में ग्लोबल सीएसआर लीडरशिप अवार्ड्स और सीएसआर के लिए पीएसई उत्कृष्टता पुरस्कार मिल चुके हैं।
आरईसी के बारे में
आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत महारत्न केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम है।
यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है।
आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है।
नई प्रौद्योगिकियों में इले्ट्रिरक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं।
आरईसी ने हाल ही में गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।