chronology2017
Published: Feb 15 | Updated: Feb 16

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पेश किया गया ‘समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024’ विधेयक राज्य विधानसभा द्वारा 7 फरवरी, 2024 को पारित कर दिया गया।
  • विधानसभा में यूसीसी (Uniform Civil Code) बिल पास होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
  • विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है।

यूसीसी : मुख्य बिन्दु

  • नए कानून के लागू होने के बाद पति या पत्नी के जीवित होने पर दूसरा विवाह करना पूर्णत: प्रतिबंधित होगा।
  • समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी।
  • हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को समाप्त किया गया है। महिला का दोबारा विवाह करने की किसी भी तरह की शर्तों पर रोक होगी।
  • कोई बिना सहमति के धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का अधिकार होगा।
  • संपत्ति में बेटा और बेटी को बराबर अधिकार होंगे।
  • जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं होगा।
  • नाजायज बच्चों को भी उस दंपती की जैविक संतान माना जाएगा।
  • लिव इन में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा।
  • उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी सरकार ने यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था, जिसकी सिफारिशों के आधार पर उक्त बिल पारित किया गया है।