chronology2017
Published: Feb 17 | Updated: Feb 17

  • ओडिशा में कोरापुट जिले के जयपोर गुप्तेश्वर शिव मंदिर के पास स्थित गुप्तेश्वर वन को ओड़िशा का चौथा जैव-विविधता विरासत स्थल के रूप में फरवरी 2024 में नामित किया गया है।
  • इस घोषणा के साथ राज्य में अब चार जैव विविधता विरासत स्थल हो गए हैं। अन्य तीन में कंधमाला जिले में मंदसरू,गजपति जिले में महेंद्रगिरि और बारगढ़ और बोलांगीर जिले में गंधमर्दन जैव विविधता स्थल शामिल है।
  • 350 हेक्टेयर में फैला यह वनस्थल स्थानीय समुदाय द्वारा पारम्परिक रूप से पूजे जाने वाले पवित्र वृक्ष ग्रोव के साथ-साथ यह स्थल विविध प्रकार के वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध है।

गुप्तेश्वर की जैव विविधता

  • यहाँ की जैव विविधता सूची में स्तनधारियों की 28 प्रजातियों, पक्षियों की 188, उभयचरों की 18,सरीसृपों की 48, मछलियों की 45,तितलियों की 141 प्रजातियों सहित कम से कम 608 पशु प्रजातियाँ शामिल हैं।
  • गुप्तेश्वर की चूना पत्थर की गुफाओं में आयूसीएन की सूची में संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल चमगादड़ों की दो प्रजातियाँ- गैलेरिटस और राइनोलोफस रौक्सी भी पाई जाती हैं।
  • इस वन में मगरमच्छ कांगेर वैली रॉक गेको, सेक्रेड ग्रोव बुश फ्रॉग और एविफुना जैसे ब्लैक बाजा, जेर्डन बाजा, मालाबेर ट्रोगोन, कॉमन हिल मैना,व्हाइट-बेलिड वुडपेकर, बैंडेड बे कोयल आदि जैसी महत्वपूर्ण जीव-जंतु की प्रजातियाँ विद्यमान है।
  • इस वन में फूलों की भी विविधता है जिसमें 182 प्रजातियाँ, जड़ी-बूटियों की 177 प्रजातियाँ,ऑर्किड की 14 प्रजातियाँ और भारतीय तुरही पेड़, भारतीय स्नैकरूट, क्यूम्बी गम पेड़, लहसुन जैसे औषधीय पौधे भी शामिल हैं।