chronology2017
Published: Feb 25 | Updated: Feb 25

  • भारत ने देश के राष्ट्रीय संग्रहालय में संरक्षित भगवान बुद्ध के कुछ पवित्र अवशेषों को थाईलैंड भेजा है, जहाँ उन्हें 22 फरवरी से 18 मार्च, 2024 के दौरान प्रदर्शित किया जा रहा है।
  • माखाबुचा दिवस (माघ पूजा) भगवान बुद्ध द्वारा अपने शिष्यों को दी गई शिक्षाओं को चिह्नित करने वाला एक धार्मिक उत्सव है। इस अवसर पर उक्त प्रदर्शनी आयोजित की गई है।
  • माखाबुचा, बौद्ध कैलेंडर का पहला महत्वपूर्ण धार्मिक त्यौहार, थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया सहित ऐसे देशों में मनाया जाता है, जहां अधिकांश बौद्ध थेरवाद बौद्ध धर्म का पालन करते हैं।
  • भगवान बुद्ध के साथ-साथ उनके शिष्य अराहाटा सारिपुत्र और अराहाटा मौदगलायन के अवशेषों को भी थाईलैंड भेजा गया है। यह पहला मौका है जब भगवान बुद्ध के साथ उनके शिष्यों के पवित्र अवशेषों को भी श्रद्धालुओं के लिए एक साथ प्रदर्शित किया जा रहा है।
  • इसके लिए भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पावन अवशेषों को बैंकॉक के सनम लुआंग मंडप में विशेष रूप से निर्मित्त मंडपमम में सार्वजनिक पूजा के लिए प्रतिष्ठापित किया गया है।
  • राष्ट्रीय संग्रहालय से प्राप्त अवशेषों की एक राजसी परेड भी आयोजित की गई जिसमें भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पावन अवशेषों की 26 दिवसीय भव्य प्रदर्शनी के एक हिस्से के रूप में बैंकॉक के शाही महल मैदान में थाईलैंड की संस्कृति तथा विरासत को प्रदर्शित किया गया।
  • इस परेड में भारत और थाईलैंड के बीच सौहार्द्र को भी प्रदर्शित किया गया क्योंकि परेड में दोनों देशों की सांस्कृतिक प्रदर्शनी के साथ साथ भारत और थाईलैंड के राष्ट्रीय ध्वज भी शामिल थे।
  • इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों की सरकारों द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। भारत में आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित ‘बुद्धभूमि भारत’ प्रदर्शनी का भी बिहार के राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री तथा थाईलैंड के संस्कृति मंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया।