पूर्वोत्तर भारत का पहला भूतापीय उत्पादन कुआं (Geothermal Production Well) अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी कामेंग जिले के दिरांग में सफलतापूर्वक खोदा गया है।
यह कार्य पृथ्वी विज्ञान एवं हिमालय अध्ययन केंद्र (CESHS) द्वारा मई 2025 में किया गया।
यह उपलब्धि पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में गर्म झरनों के दो साल के गहन भू-रासायनिक और संरचनात्मक सर्वेक्षण के बाद मिली है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग : इस पहल को नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टीट्यूट (NGI), और ओस्लो, आइसलैंड स्थित भूतापीय फर्म जियोट्रॉपी ईएचएफ का अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग व समर्थन प्राप्त है।
लाभ : एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, यह भू-तापीय प्रणाली फल, मेवा और मांस सुखाने, स्थान को गर्म करने और नियंत्रित-वायुमंडल भंडारण प्रणालियों सहित पर्यावरण-अनुकूल समाधानों की एक श्रृंखला को शक्ति प्रदान करेगी।