Lok Chand Gupta
Published: Jul 14 | Updated: Jul 15

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा ‘पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग का मापन’ (Mapping the Application of Artificial Intelligence in Traditional Medicine) शीर्षक से एक तकनीकी संक्षिप्त विवरण जारी किया है।
  • वैश्विक स्वास्थ्य सेवा नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में ‘डब्ल्यूएचओ’ द्वारा जारी इस महत्‍वपूर्ण संक्षिप्त विवरण में भारत के आयुष नवाचारों को शामिल किया गया है।
  • डब्ल्यूएचओ दस्तावेज में भारत की ओर से किए गए कई अग्रणी एआई-संचालित नवाचारों पर प्रकाश डाला गया है जिसमें प्रकृति-आधारित मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके पूवार्नुमानित निदान से लेकर आयुर्वेद ज्ञान और आधुनिक जीनोमिक्स को एक साथ लाने वाली अभूतपूर्व आयुर्जेनोमक्स परियोजना (Ayurgenomics Project) शामिल है।
  • इस डिजिटल परिवर्तन का मूल आधार आयुष ग्रिड है, जो वर्ष 2018 में शुरू किया गया एक व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म है।
  • यह कई नागरिक-केंद्रित पहलों यथा एसएएचआई पोर्टल, नमस्‍ते पोर्टल और आयुष अनुसंधान पोर्टल की नींव का काम करता है।

पृष्ठभूमि

  • आयुर्वेदिक के ऐतिहासिक छाप प्रदर्शन (SAHI) पोर्टल, राष्‍ट्रीय आयुष रुगणता और मानकीकृत इलेक्‍ट्रानिक शब्‍दावली (NAMASTE) पोर्टल और आयुष अनुसंधान पोर्टल जैसे अग्रणी डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से भारत अपने सदियों पुराने चिकित्सा ज्ञान की रक्षा करने के साथ ही साक्ष्य-आधारित व विश्व स्तर पर सुलभ स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को आकार देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
  • भारत की पहल ‘पारम्परिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी’ (TKDL), को स्वदेशी चिकित्सा विरासत के संरक्षण और जिÞम्मेदारी से उपयोग के वैश्विक मॉडल के रूप में सराहा जाता है।