हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेश निर्मित पहला डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’ (Nistar) विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना को 7 जुलाई, 2025 को सौंपा गया।
इसके निर्माण में लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
नामकरण : जहाज का नाम ‘निस्तार’ संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है मुक्ति, बचाव या मोक्ष।
निस्तार की विशेषताएँ
118 मीटर लंबे और लगभग 10,000 टन भार वाले इस जहाज में अत्याधुनिक गोताखोरी उपकरण लगे हैं।
यह 300 मीटर की गहराई तक गहरे समुद्र में गोताखोरी करने में सक्षम है।
जहाज में 75 मीटर की गहराई तक गोताखोरी करने के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है।
यह जहाज गहरे जलमग्न बचाव पोत (Deep Submergence Rescue Vessel-DSRV) के लिए ‘मदर शिप’ के रूप में भी काम करेगा।
इससे पानी के नीचे किसी पनडुब्बी में आपात स्थिति में कर्मचारियों को बचाया और निकाला जा सके।
यह 1000 मीटर की गहराई तक गोताखोर निगरानी और बचाव कार्यों को अंजाम देने के लिए दूर से संचालित वाहनों के संयोजन से सुसज्जित (Equipped with a combination of Remotely Operated Vehicles) है।