Lok Chand Gupta
Published: Jul 9 | Updated: Jul 9

  • हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेश निर्मित पहला डाइविंग सपोर्ट वेसल ‘निस्तार’ (Nistar) विशाखापत्तनम में भारतीय नौसेना को 7 जुलाई, 2025 को सौंपा गया।
  • इसके निर्माण में लगभग 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
  • नामकरण : जहाज का नाम ‘निस्तार’ संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है मुक्ति, बचाव या मोक्ष।

निस्तार की विशेषताएँ

  • 118 मीटर लंबे और लगभग 10,000 टन भार वाले इस जहाज में अत्याधुनिक गोताखोरी उपकरण लगे हैं।
  • यह 300 मीटर की गहराई तक गहरे समुद्र में गोताखोरी करने में सक्षम है।
  • जहाज में 75 मीटर की गहराई तक गोताखोरी करने के लिए एक साइड डाइविंग स्टेज भी है।
  • यह जहाज गहरे जलमग्न बचाव पोत (Deep Submergence Rescue Vessel-DSRV) के लिए ‘मदर शिप’ के रूप में भी काम करेगा।
  • इससे पानी के नीचे किसी पनडुब्बी में आपात स्थिति में कर्मचारियों को बचाया और निकाला जा सके।
  • यह 1000 मीटर की गहराई तक गोताखोर निगरानी और बचाव कार्यों को अंजाम देने के लिए दूर से संचालित वाहनों के संयोजन से सुसज्जित (Equipped with a combination of Remotely Operated Vehicles) है।