Lok Chand Gupta
Published: Jul 4 | Updated: Jul 9

  • केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ‘कॉपर विजन दस्तावेज’ (Copper Vision Document) जारी किया है।
  • उक्त दस्तावेज हैदराबाद में विश्व खनन कांग्रेस की भारतीय राष्ट्रीय समिति द्वारा सर्वोत्तम खदान बंद करने की प्रथाओं के माध्यम से सतत एवं जिम्मेदार खनन पर आयोजित अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन में जारी किया गया।
  • भारत के ऊर्जा परिवर्तन, बुनियादी ढांचे के विकास और इलेक्ट्रिक वाहनों तथा सौर ऊर्जा जैसी हरित प्रौद्योगिकियों में कॉपर के महत्वपूर्ण योगदान पर बल दिया गया है।
  • कॉपर विजन दस्तावेज में वर्ष 2047 तक मांग में छह गुना वृद्धि की उम्‍मीद जताई गई है और 2030 तक प्रति वर्ष 5 मिलियन टन गलाने और शोधन क्षमता जोड़ने की योजना की रूपरेखा दी गई है।
  • यह दस्तावेज हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, कच्छ कॉपर लिमिटेड, वेदांता लिमिटेड, इंडो-एशिया कॉपर लिमिटेड, लोहुम सहित प्रमुख हितधारकों के साथ-साथ भारतीय प्राथमिक कॉपर उत्पादक संघ (आईपीसीपीए) और अंतरराष्‍ट्रीय कॉपर एसोसिएशन (आईसीए) जैसे उद्योग संघों के साथ व्यापक विमर्श के माध्यम से विकसित किया गया था।