ध्रुवीय और महासागरीय अनुसंधान में भारत की क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए भारत अपना पहला ध्रुवीय अनुसंधान पोत (Polar Research Vessel – PRV) तैयार करेगा।
इसके लिए कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) और नॉर्वे स्थित कोंग्सबर्ग (Kongsberg Oslo) ने ओस्लो में 3 जून, 2025 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस एमओयू के तहत भारत अपने पहले ध्रुवीय अनुसंधान पोत का निर्माण कोलकाता में करेगा।
इसका निर्माण जीआरएसई के शिपयार्ड में होगा।
यह पोत भारत के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCOPR) की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जाएगा।
यह पोत अत्याधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित होगा, जिससे समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन, महासागरों की गहराई में अनुसंधान और पृथ्वी के अतीत, वर्तमान और भविष्य की जानकारी जुटाई जा सकेगी।