प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के गोलाघाट जिले में नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (ठफछ) में भारत की पहली बांस-आधारित बायोएथेनॉल संयंत्र का उद्घाटन 14 सितम्बर, 2025 को किया। प्रधानमंत्री ने यहाँ पॉलीप्रोपाइलीन संयंत्र की आधारशिला भी रखी।
- उद्देश्य : इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करना है।
- उत्पादन: लगभग 5,000 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित बांस आधारित इथेनॉल प्लांट से प्रतिवर्ष 49,000 टन इथेनॉल, 19,000 टन फरफुरल (जैव-आधारित कार्बनिक यौगिक), 11,000 टन एसिटिक एसिड और 32,000 टन तरल कार्बन डाइआॅक्साइड का उत्पादन हो सकेगा।
- इस संयंत्र से सालाना लगभग 3 लाख मीट्रिक टन बांस का प्रसंस्करण होने की उम्मीद है।
- विशिष्टता : यह एक शून्य-अपशिष्ट संयंत्र है। यह द्वितीय पीढ़ी का बायोएथेनॉल संयंत्र बांस का उपयोग करने वाली दुनिया की पहली इकाई है।
- परियोजना साझेदारी: यह परियोजना असम बायो इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड का एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड, फिनलैंड की फोर्टम ओयज और केमपोलिस ओय शामिल हैं।
अन्य कार्यक्रम :
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी असम यात्रा के दौरान 18,000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
- उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी पर गुवाहाटी के नारेंगी और दरांग के कुरुवा को जोड़ने वाले एक नए पुल और गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना के निर्माण का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।
- उन्होंने दरंग मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और एक जीएनएम स्कूल की आधारशिला रखी।