Lok Chand Gupta
Published: Oct 18 | Updated: Oct 18

  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (Per Drop More Crop – PDMC) योजना के दिशानिर्देशों में अक्टूबर 2025 में संशोधन किया है।

पहल का उद्देश्य (Objective of the Initiative)

  • किसानों को सूक्ष्म सिंचाई तकनीक (Drip & Sprinkler Irrigation) अपनाने में सहायता देना।
  • जल उपयोग दक्षता (Water Use Efficiency) बढ़ाना।
  • फसल उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि करना।
  • सतत जल प्रबंधन के माध्यम से जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना।

संशोधित नीति के मुख्य प्रावधान (Key Provisions of the Revised Policy)

  • यह पहल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को “अन्य पहल” (Other Interventions) के तहत सूक्ष्म स्तर पर जल भंडारण और संरक्षण परियोजनाएं आरंभ करने में सक्षम बनाती है।
  • सूक्ष्म स्तर पर जल प्रबंधन की छूट: संशोधित दिशानिर्देशों के तहत, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अब स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर सूक्ष्म स्तर पर जल प्रबंधन गतिविधियां आरंभ करने की योजना बनाने की छूट दी गई है।
  • डिग्गी निर्माण जल संचयन प्रणाली (Water Harvesting Systems)  का विकास- स्थानीय जरूरतों के अनुसार सूक्ष्म-स्तर के जल प्रबंधन कार्य (डिग्गी निर्माण, संचयन प्रणाली) करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है।
    • इन प्रणालियों को किसानों के व्यक्तिगत लाभ के साथ-साथ सामुदायिक उपयोग के लिए भी विकसित किया जा सकता है, जिससे सूक्ष्म सिंचाई के लिए स्थायी जल उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
  • वित्तीय आवंटन की सीमा में लचीलापन: “अन्य पहल” (Other Interventions) के तहत धन राशि खर्च करने की पूर्व निर्धारित सीमा को अब लचीला बनाया गया है।
    • पुरानी सीमा: पहले ऐसी गतिविधियों के लिए कुल आवंटन का 20% (सामान्य राज्यों के लिए) और 40% (पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के लिए) तक सीमित था।
    • नई छूट: अब राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी विशिष्ट आवश्यकतानुसार इस सीमा से अधिक धनराशि व्यय करने की छूट दी गई है।

संदर्भ से

  • सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों (ड्रिप और स्प्रिंकलर) को खेत स्तर पर जल उपयोग दक्षता (Water Use Efficiency) में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि सूक्ष्म सिंचाई अपनाने से जल की खपत में 39% से 55% तक की महत्वपूर्ण कमी आती है (पारंपरिक फ्लड सिंचाई की तुलना में)।
  • पीएमकेएसवाई-पीडीएमसी योजना के एक मूल्यांकन अध्ययन के अनुसार, सूक्ष्म सिंचाई जल उपयोग दक्षता में 30% से 70% तक सुधार करती है
  • उत्पादकता में: सूक्ष्म सिंचाई फसलों की जड़ों तक लगातार और पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करके नमी के तनाव को समाप्त करती है।
    • समग्र रूप से, बागवानी फसलों में उत्पादकता 33% से 41% तक बढ़ जाती है।
    • उपज में यह वृद्धि आम में 32.64% से लेकर तरबूज में 41.40% तक भिन्न होती है।
    • उत्तर प्रदेश में ड्रिप/स्प्रिंकलर सिंचाई अपनाने वाले किसानों की बागवानी फसलों की उपज में औसतन50% तक बढ़ोतरीदर्ज की गई है।

समग्र प्रभाव (Overall Significance)

  • किसानों के लिए सिंचाई लागत में कमी और फसल उत्पादन में वृद्धि
  • जल संरक्षणसतत कृषि की दिशा में बड़ा कदम।
  • आत्मनिर्भर कृषि (Atmanirbhar Krishi) के लक्ष्य की ओर ठोस प्रगति।

समाचार पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 1: केंद्र सरकार ने जल संरक्षण के लिए ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (PDMC) योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन किस मंत्रालय के तहत किया है?
(A) जल शक्ति मंत्रालय
(B) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(C) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
(D)ग्रामीण विकास मंत्रालय

प्रश्न 2:  नई नीति के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को किस प्रकार के कार्य करने में अधिक लचीलापन दिया गया है?
(A) बड़े बांधों का निर्माण
(B) सूक्ष्म-स्तर के जल प्रबंधन कार्य (जैसे डिग्गी निर्माण और जल संचयन)
(C) नहरों का राष्ट्रीयकरण
(D) समुद्री जल का खारापन दूर करना

प्रश्न 3:  संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार, अब राज्य स्थानीय परियोजनाओं के लिए निधि उपयोग की 20% (सामान्य राज्यों हेतु) की पूर्व-निर्धारित सीमा के संबंध में क्या कर सकते हैं?
(A) वे अब उस सीमा का उपयोग नहीं कर सकते।
(B) वे केवल 10% तक ही निधि का उपयोग कर सकते हैं।
(C) उन्हें विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार इस सीमा को पार करने का अधिक लचीलापन दिया गया है।
(D) केंद्र सरकार ने इस सीमा को घटाकर 5% कर दिया है।

प्रश्न 4:  ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉपयोजना का मुख्य फोकस किस तकनीक पर है, जिससे जल उपयोग दक्षता बढ़ाई जा सके?
(A) बाढ़ सिंचाई
(B) नहर आधारित सिंचाई
(C) ड्रिप और स्प्रिंकलर जैसी सूक्ष्म-सिंचाई प्रौद्योगिकियां
(D) वर्षा जल संचयन

प्रश्न 5:. नई नीति में जल संचयन प्रणालियों के लाभार्थी कौन हो सकते हैं?
(A) केवल व्यक्तिगत किसान
(B) केवल बड़े औद्योगिक घराने
(C) केवल सामुदायिक उपयोग
(D) व्यक्तिगत किसानों के साथ-साथ सामुदायिक उपयोग


परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण (Exam Relevance)

यह संशोधन RPSC, RAS, REET, SSC, UPSC, NABARD, कृषि अधिकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है — विशेष रूप से कृषि योजनाएँ, जल प्रबंधन, सिंचाई नीति और उत्पादकता से जुड़े विषयों के अंतर्गत।