नीति आयोग द्वारा आज पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) जिला सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक रिपोर्ट (2023-24) का दूसरा संस्करण 7 जुलाई, 2025 को जारी किया गया।
इस सूचकांक को नीति आयोग और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमओडीओएनईआर) द्वारा यूएनडीपी के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है।
26 अगस्त 2021 को जारी पहले संस्करण की गति पर आधारित यह सूचकांक एसडीजी के संदर्भ में 8 पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न जिलों के प्रदर्शन को मापता है।
परिणाम और निष्कर्ष
कुल 121 जिलों के समग्र स्कोर अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग में 58.71 से लेकर मिजोरम के हनाहथियाल में 81.43 तक हैं।
कुल 121 जिलों के समग्र स्कोर अरुणाचल प्रदेश के लोंगडिंग में 58.71 से लेकर मिजोरम के हनाहथियाल में 81.43 तक हैं।
मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के सभी जिलों ने फ्रंट रनर का दर्जा हासिल किया है।
पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे अधिक स्कोर वाला जिला मिजोरम का है (हनाहथियाल 81.43 का स्कोर) ।
पूरे क्षेत्र में सबसे कम स्कोर वाला जिला अरुणाचल प्रदेश का है (लोंगडिंग 58.71 का स्कोर)।
उच्चतम और निम्नतम स्कोर वाले जिले के मामले में सिक्किम में रेंज सबसे कम (5.5 अंक) है, जोकि इसके विभिन्न जिलों में सबसे अधिक सुसंगत प्रदर्शन को दर्शाता है।
त्रिपुरा को सबसे कम अंतर-राज्यीय भिन्नता (6.5 अंक) के साथ उच्चतम स्कोर वाले कुछ जिलों का गौरव हासिल है।
मिजोरम और नागालैंड में कुछ उच्चतम स्कोर वाले जिले हैं, लेकिन उनमें भिन्नता भी है (क्रमश: 13.72 और 15.07 की रेंज)।
राज्यों के भीतर जिलों के राज्यवार उच्चतम और निम्नतम स्कोर
अरुणाचल प्रदेश: निचली दिबांग घाटी (73.36) से लेकर लोंगडिंग (58.71) तक।
असम: डिब्रूगढ़ (74.29), दक्षिण सलमारा-मनकाचर (59.71)।
मणिपुर: इम्फाल पश्चिम (73.21), फिरजॉल (59.71)।
मेघालय: पूर्वी खासी हिल्स (73.00), पूर्वी जैंतिया हिल्स (63.00)।