देश के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा को ‘उल्लास – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) के तहत पूर्ण साक्षर राज्य 23 जून, 2025 को घोषित किया गया।
इसके साथ ही मिजोरम और गोवा के बाद त्रिपुरा देश का ऐसा तीसरा राज्य बन गया है जिसने पूर्ण साक्षरता हासिल कर लिया है और जिसकी साक्षरता दर 95.6 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
वर्ष 1961 में त्रिपुरा की साक्षरता दर केवल 20.24 प्रतिशत थी।
त्रिपुरा को 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के बीच 95 प्रतिशत साक्षरता के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित मानक के अनुसार पूर्ण साक्षर के रूप में मान्यता दी गई है।
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के बारे में
उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है जिसका कार्यान्वयन वर्ष 2022 से 2027 तक प्रस्तावित है।
एनईपी 2020 के साथ जुड़ी उल्लास योजना 15 वर्ष और उससे अधिक के व्यक्तियों को लक्षित करती है जो स्कूल नहीं जा सकते।
इसका उद्देश्य गैर-साक्षर युवाओं और 15 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों को मूलभूत साक्षरता, गणितीय गणना और महत्वपूर्ण जीवन कौशल के साथ सशक्त बनाना है।