Lok Chand Gupta
Published: Jul 26 | Updated: Jul 30

  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ड्रोन से दागी जाने वाली एक मिसाइल ‘यूएलपीजीएम-वी3’ का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण कर स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
  • उन्नत यूएवी लॉन्च्ड प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल ‘यूएलपीजीएम-वी3’ [Unmanned Aerial Vehicle Launched Precision Guided Missile (ULPGM)-V3] का यह उड़ान परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित राष्ट्रीय मुक्त क्षेत्र रेंज (NOAR) परीक्षण रेंज में 25 जुलाई, 2025 को किया गया।
    • यह मिसाइल डीआरडीओ द्वारा पहले विकसित और वितरित यूएलपीजीएम -वी2 मिसाइल का उन्नत संस्करण है।
  • परीक्षण के दौरान मिसाइल को एक यूएवी से छोड़ा गया, जिसे एक भारतीय स्टार्ट-अप – न्यूस्पेस रिसर्च टेक्नोलॉजीज, बेंगलुरु द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
    • वर्तमान परीक्षण एंटी-आर्मर कॉन्फिगरेशन के लिए किए गए थे।
  • मिसाइल विकास में शामिल एजेंसियाँ: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की प्रयोगशालाएं- ‘अनुसंधान केंद्र इमारत’, ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला’, ‘टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला’, ‘उच्च-ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला’, ‘एकीकृत परीक्षण रेंज और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला’।
  • विकास सह उत्पादन साझेदार (डीसीपीपी) : अदानी डिफेंस और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड, हैदराबाद और 30 एमएसएमई/स्टार्ट-अप ने इस अनूठी परियोजना को सफल बनाने में योगदान दिया।

यूएलपीजीएम-वी3 : विशेषताएँ

  • यह मिसाइल तीन मॉड्यूलर वारहेड विकल्पों: विस्फोटक प्रतिक्रियाशील कवच (ERA) के साथ रोल्ड होमोजीनियस आर्मर (RHA) से सुसज्जित आधुनिक बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए एंटी-आर्मर; एंटी बंकर एप्लिकेशन के साथ पेनेट्रेशन-कम-ब्लास्ट वारहेड और उच्च घातकता वाले प्री-फ्रैगमेंटेशन वारहेड से सुसज्जित है।
  • यूएलपीजीएम-वी3 एक विशिष्ट दोहरे चैनल सीकर से सुसज्जित है जो विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों पर प्रहार कर सकता है।
  • इसे समतल और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दागा जा सकता है।
  • इसमें दिन-रात की क्षमता और प्रक्षेपण के बाद लक्ष्य/लक्ष्य-बिंदु अद्यतन के लिए दो-तरफा डेटा लिंक है।