Lok Chand Gupta
Published: Jul 28 | Updated: Jul 30

  • भारतीय रेलवे हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का सफल टेस्ट कर तकनीकी क्षमता विकास का नया आयाम स्थापित किया है।
  • देश की इस पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का सफल टेस्ट चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में जुलाई 2025 में किया गया है।
  • आईसीएफ का चेन्नई में उपर्युक्त पहले हाइड्रोजन पॉवर्ड कोच/ड्राइविंग पावर कार (Driving Power Car) के सफल टेस्ट के बारे में जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा 25 जुलाई, 2025 को साझा की गई।
  • इस सफलता के साथ भारत अब स्वीडन, जर्मनी, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है, जहाँ हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली ट्रेनों की तकनीक मौजूद है।
    • भारत अब 1200 हॉर्सपावर की हाइड्रोजन ट्रेन पर भी काम कर रहा है।

पृष्ठभूमि

  • भारतीय रेलवे ‘विरासत के लिए हाइड्रोजन’ पहल के तहत 35 हाइड्रोजन-संचालित ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है।
  • उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर चलने वाली एक डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) को हाइड्रोजन ईंधन कोशिकाओं के साथ पुनर्निर्मित करने के लिए Rs 111.83 करोड़ की एक पायलट परियोजना भी शुरू की गई है।
    • हाइड्रोजन ट्रेनें अधिक पर्यावरण अनुकूल होती हैं क्योंकि इस ट्रेन में न तो धुआं निकलता है और न ही कार्बन डाइआॅक्साइड जैसी प्रदूषणकारी गैस निकलती है।
    • यह ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर काम करती है, जिसमें हाइड्रोजन गैस और आॅक्सीजन की प्रतिक्रिया से एनर्जी पैदा होती है।