Rajkumar
Published: Oct 1 | Updated: Oct 2

पिछले दो वर्षों में राजस्थान में अपराधों में 19.45% की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके पीछे ‘अनिवार्य एफआईआर’ और पारदर्शी पुलिसिंग जैसी नीतियाँ मानी जा रही हैं

अपराध में गिरावट के मुख्य आँकड़े:

  • कुल अपराध: अगस्त 2024 में दर्ज 16,927 मुकदमों की तुलना में अगस्त 2025 में यह संख्या 15,470 रही।
  • महिला अपराध: 2024 में महिला अपराधों के मामलों में 24% की कमी आई है।
  • अत्याचार के मामले: अनुसूचित जाति (80%) और अनुसूचित जनजाति (18.77%) के खिलाफ अत्याचारों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है।
  • इस्तगासा प्रकरण: इस्तगासों (अदालती आदेश पर दर्ज मामलों) में भी 67% की कमी देखी गई है, जो त्वरित न्याय मिलने का संकेत है।

गिरावट के कारण

  • अनिवार्य एफआईआर नीति: पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करने में पारदर्शिता और निष्पक्षता बरती जा रही है, जिससे लोगों का पुलिस पर भरोसा बढ़ा है।
  • त्वरित न्याय: इस्तगासा प्रकरणों में कमी आना दर्शाता है कि न्यायपालिका और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हुआ है।
  • सख्त पुलिस कार्रवाई: राज्य सरकार ने अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, जिससे अपराधों में कमी आई है।
  • नियमित निगरानी: पुलिस मुख्यालय की अपराध शाखा लगातार अपराध के आँकड़ों की निगरानी कर रही है, जिससे प्रभावी कार्रवाई करने में मदद मिल रही है।
  • हालाँकि, कुछ रिपोर्टों के अनुसार, 2023 में महिला अपराधों और दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान देश में शीर्ष राज्यों में से एक था। इसके बावजूद, हाल के आँकड़ों में महिला अपराधों सहित कुल अपराधों में सकारात्मक गिरावट देखी गई है

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