Rajkumar
Published: Sep 23 | Updated: Sep 24

आयुष मंत्रालय के केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) और पीवी नरसिम्हा राव तेलंगाना पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय (पीवीएनआरटीवीयू), राजेंद्रनगर, हैदराबाद के बीच पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने संबंधी एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

  • इस समझौते के तहत दोनों संस्थानों के संकाय, शोधकर्ता और वैज्ञानिक पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोगी परियोजनाएं आरंभ करेंगे।
  • इसमें ट्रांसलेशनल अनुसंधान (वैज्ञानिक खोजों के स्वास्थ्य संबंधी लाभकारी अनुप्रयोग) पशुधन प्रबंधन और पोषण, तथा पशुओं के लिए नवीन निदान और चिकित्सा के विकास पर जोर रहेगा।

समझौते के अन्य मुख्य बिंदु

  • ज्ञान और ढांचागत सुविधा साझा करना: संयुक्त समन्वय समिति (सीसी) के अनुमोदन से अनुसंधान ढांचे और पशु सुविधाओं तक पारस्परिक पहुंच होगी जिससे सहयोगात्मक कार्य के लिए विशेष संसाधनों का उपयोग बढ़ाया जा सकेगा।
  • छात्र और शिक्षकों का आदान-प्रदान: सीसीआरएएस के वैज्ञानिकों को पीवीएनआरटीवीयू में पशु चिकित्सा विज्ञान में स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों के लिए सहायक संकाय या सह-मार्गदर्शक के रूप में नियुक्त किया जा सकेगा।
    • वहाँ के संकाय सीसीआरएएस में अपनी विशेषज्ञता सेवा देंगे।
  • समझौता ज्ञापन के तहत पीवीएनआरटीवीयू के छात्रों को व्याख्यान, व्यावहारिक प्रदर्शन और परियोजना कार्य के लिए सीसीआरएएस प्रयोगशालाओं में जाने की सुविधा मिलेगी।
  • इसके अतिरिक्त स्नातक छात्रों को खाद्य विज्ञान, स्वास्थ्य और अनुसंधान पद्धतियों में अनुसंधान अनुभव प्राप्त होगा।
  • प्रकाशन और बौद्धिक संपदा: शोध निष्कर्षों को ओपन-एक्सेस पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाएगा, जिसमें दोनों संस्थानों के योगदानकतार्ओं को श्रेय दिया जाएगा।
    • संयुक्त परियोजनाओं से उत्पन्न बौद्धिक संपदा पर संयुक्त स्वामित्व होगा, और योगदान के अनुसार आनुपातिक रूप से वित्तीय लाभ साझा किए जाएंगे।

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