न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई देश के सर्वोच्च न्यायालय के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने है।
जस्टिस गवई को देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ राष्ट्रपति द्र्रौपदी मुर्मू द्वारा 14 मई, 2025 को दिलाई गई।
जस्टिस गवई ने मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का स्थान लिया है, जो 13 मई, 2025 को को सेवानिवृत्त हुए।
मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस गवई का कार्यकाल छह माह का होगा। वह 30 नवम्बर, 202 को सेवानिवृत्त होंगे।
जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित और पहले बौद्ध चीफ जस्टिस हैं।
इनसे पहले वर्ष 2007-2010 में केजी बालकृष्णन इस पद पर रहे थे।
प्रमुख फैसले जस्टिस गवई जिनका हिस्सा रहे : जस्टिस बीआर गवई साल 2016 में नोटबंदी को लेकर दिए गए फैसले का हिस्सा रहे। जिसमें कहा गया था कि सरकार को करेंसी को अवैध घोषित करने का अधिकार है। इसके अलावा जस्टिस गवई बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दिए आदेश का भी हिस्सा रहे और इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर फैसला देने वाली पीठ का भी हिस्सा रहे।