Lok Chand Gupta
Published: Jul 19 | Updated: Jul 25

  • भारत ने लद्दाख में अत्यधिक ऊंचाई क्षेत्र वाले क्षेत्र में दो हवाई उच्च गति के मानवरहित लक्ष्यों को आकाश हथियार प्रणाली के उन्नत संस्करण, ‘आकाश प्राइम’ (Akash Prime) द्वारा सफलतापूर्वक नष्ट करके भारत ने एक अहम उपलब्धि हासिल की है।
  • ‘आकाश प्राइम’ (एयर डिफेंस सिस्टम) का उक्त परीक्षण लद्दाख में अत्यधिक ऊंचाई क्षेत्र वाले क्षेत्र में 16 जुलाई, 2025 को किया गया।
  • सेना की यह हथियार प्रणाली समुद्र तट से 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर संचालित करने के लिए अनुकूलित है।
  • इसमें स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर सहित नवीनतम प्रणालियाँ संयोजित की गई हैं।
  • डिजाइन और विकास: ‘आकाश प्राइम’ को सेना, वायु रक्षा और डीआरडीओ ने ‘भारत डायनेमिक्स लिमिटेड’ व ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ तथा अन्य उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है।

आकाश प्राइम की विशेषताएँ

  • सेना की यह हथियार प्रणाली समुद्र तट से 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर संचालित करने के लिए अनुकूलित है।
  • इसमें स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर सहित नवीनतम प्रणालियाँ संयोजित की गई हैं।
  • यह 30-35 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को मार सकता है तथा 18-20 किलोमीटर की ऊँचाई तक प्रभावी है।
  • यह लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन्स जैसे खतरों से निपट सकता है।
  • इसमें ‘राजेंद्र्र’ रडार है जो 360 डिग्री कवरेज देता है और कई लक्ष्यों को एक साथ ट्रैक कर सकता है।
  • उल्लेखनीय है कि ‘आॅपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने पाकिस्तानी सेना के चीनी लड़ाकू विमानों और तुर्की ड्रोन से किए गए हवाई हमलों को नाकाम करने में अहम भूमिका निभाई थी।
    • भारतीय सेना में आकाश वायु रक्षा प्रणालियों की तीसरी और चौथी रेजिमेंट में अब आकाश प्राइम को शामिल किया जाएगा।

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