chronology2017
Published: Jun 18 | Updated: Jun 18

  • वस्तुत: बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी), लखनऊ के शोधकतार्ओं की एक टीम ने जीवाश्म पत्तियों की खोज की है, असम के माकुम कोलफील्ड में पाई जाने पत्तियों से मिलती-जुलती हैं।
    • असम का माकुम कोलफील्ड, एक ऐसा क्षेत्र है जो लंबे समय से अपने जीवाश्म संपदा के लिए जाना जाता है।
  • खोजी गई पत्तियाँ ‘नॉथोपेगिया’ (Nothopegia) (फूल देने वाले पौधे) प्रजाति की आधुनिक वनस्पति से मिलती-जुलती हैं, जो हजारों किलोमीटर दूर, पश्चिमी घाट के वर्षा वन वाले जंगलों में उगता है।
    • पश्चिमी घाट यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जैव विविधता वाले स्थलों में से एक है।
  • ये जीवाश्‍म पत्तियाँ, जो लगभग 24-23 मिलियन वर्ष पुरानी हैं, ओलिगोसीन युग के अंत में, नोथोपेगिया नामक पौधे की प्रजाति का दुनिया का सबसे पुराना ज्ञात जीवाश्म रिकॉर्ड है।
    • इसमें विशेष बात यह है कि यह प्रजाति अब पूर्वोत्तर भारत में नहीं पाई जाती है।
    • पूर्वोत्तर भारत का प्राचीन वातावरण कभी नोथोपेगिया के लिए एक आदर्श स्‍थान था। लेकिन लाखों वर्षों में, समशीतोष्ण ताकतों ने प्राकृतिक दृश्य को नया आकार दे दिया।