Rajkumar
Published: Sep 9 | Updated: Sep 12

  • राजस्थान विधानसभा द्वारा 8 सितम्बर, 2025 को kराजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान, जयपुर विधेयक, 2025l ध्वनिमत से पारित किया गया।
  • इस विधेयक को दिल्ली एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीयूट आफ मेडिकल साईंसेज (रिम्स) स्थापित करने के क्रम में पारित किया गया है।
    • वर्ष 2024-25 के बजट में प्रदेश में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा को नए आयाम देने के लिए आरयूएचएस (राजस्थान यूनिवर्सिटी आॅफ हैल्थ साईंसेज) का उन्नयन कर दिल्ली एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीयूट आॅफ मेडिकल साईंसेज (रिम्स) की स्थापना के लिए घोषणा की गई थी। इसमें चरणबद्ध रूप से 750 करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान रखा गया है।
  • अध्यक्ष : इस एकीकृत संस्थान में राज्य के मुख्य सचिव अध्यक्ष होंगे।
  • सदस्य : संस्थान में अध्यक्ष के साथ शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग, शासन सचिव, वित्त विभाग, कुलगुरु, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर, आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा विभाग, संस्थान निदेशक, निदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग, राज्य सरकार द्वारा नामित विधानसभा सदस्य, महानिदेशक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली, निदेशक, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान चंडीगढ़, निदेशक, जवाहर लाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुदुचेरी, निदेशक, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू, निदेशक, भारतीय प्रबंधन संस्थान उदयपुर, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर, अध्यक्ष, आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर, संस्थान के समस्त संकायाध्यक्ष और दो सदस्य आयुर्विज्ञान क्षेत्र के ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ सदस्य होंगे।

शासी निकाय

  • इसके लिए एक शासी निकाय का गठन किया जाएगा, जिसमें अध्यक्ष, प्रभारी शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, संस्थान के निदेशक, वित्त विभाग के प्रभारी शासन सचिव, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग, एम्स नई दिल्ली के निदेशक या प्राधिकृत प्रतिनिधि, एम्स जोधपुर निदेशक, आईआईएम उदयपुर निदेशक, टाटा मेमोरियल सेंटर मुम्बई, भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरु निदेशक, आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय जयपुर के अध्यक्ष, आईआईटी जोधपुर के निदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग निदेशक, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलगुरु और संस्थान के समस्त संकायाध्यक्ष सदस्य होंगे।
  • व्यय : प्रारंभिक स्तर पर बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। अन्य खर्चों के लिए प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान किया गया

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