राजस्थान में खनिज क्षेत्र में नवाचार के तहत एआई के उपयोग का निर्णय लिया गया है
खनिजों की खोज के लिए नवाचार के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स व मशीन लर्निंग तकनीक का भी सहयोग लिया जाएगा।
इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत भीलवाड़ा और भरतपुर के साथ ही चित्तोड़गढ़ के कुछ स्थानों पर एआई के माध्यम से क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक खनिज संभावित क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा।
एआई नवाचार के समावेश के लिए राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट ‘आरएसएमईटी’ द्वारा केन्द्र सरकार एवं नोटिफाइड प्राइवेट एक्सप्लोरेशन एजेंसी के साथ काम किया जाएगा।
प्रदेश में पायलट प्रोेजेक्ट के रुप में काम करने वाली केन्द्र सरकार द्वारा नोटिफाईड़ प्राइवेट एक्सप्लोरेशन एजेंसी क्रिटिकल मिनरल ट्रेकर द्वारा महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में कार्य किया जा रहा है।
भारत सरकार की हैदराबाद की एनपीईए क्रिटिकल मिनरल ट्रेकर द्वारा एआई के उपयोग करते हुए क्षेत्र विशेष में खनिज संपदा की उपलब्धता, गुणवत्ता आदि का पता लगाया जाएगा।
एआई अध्ययन से प्राप्त रिपोर्ट के अधार पर खनिज संभावित चिन्हित स्थानों पर प्राथमिकता से ड्रिलिंग करवाते हुए सेंपल्स का रासायनिक विश्लेषण करवाया जाएगा और उसके परिणामों के आधार पर ब्लॉक तैयार कर नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में वर्तमान में 57 प्रकार के खनिजों का खनन किया जा रहा है।