- हरियाणा के रोहतक में 3 अक्टूबर 2025 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा साबर डेयरी प्लांट का उद्घाटन, केवल एक परियोजना की शुरुआत नहीं, बल्कि सहकारिता से समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- यह आयोजन डेयरी उद्योग के विकास, रोजगार सृजन और किसानों की आय बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
साबर डेयरी प्लांट की मुख्य विशेषताएं:
- सबसे बड़ा संयंत्र:रोहतक में ₹325-350 करोड़ की लागत से बना यह संयंत्र दही, छाछ, योगर्ट और मिठाइयों के उत्पादन के लिए देश का सबसे बड़ा संयंत्र है।
- उत्पादन क्षमता:इसकी उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन दही, 10 मीट्रिक टन योगर्ट, 3 लाख लीटर छाछ और 10 मीट्रिक टन मिठाइयाँ है।
- बाजार कवरेज:यह प्लांट दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत की बढ़ती डेयरी उत्पादों की मांग को पूरा करेगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव:
- रोजगार सृजन:इस परियोजना से करीब 1,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
- किसानों की आय में वृद्धि:डेयरी क्षेत्र में वृद्धि से पशुपालक किसानों की आय में भी सुधार होगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
- सहकारी आंदोलन का विस्तार:साबर डेयरी, जो गुजरात के साबरकांठा जिले में शुरू हुई थी, अब नौ राज्यों में दूध उत्पादकों के लिए अवसर पैदा कर रही है। अमित शाह ने 2029 तक हर गाँव को सहकारी आंदोलन से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
अमित शाह के संबोधन के मुख्य बिंदु:
- डेयरी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता:शाह ने कहा कि भारत डेयरी संयंत्रों के निर्माण में भी आत्मनिर्भर बनेगा, और भविष्य में दुनिया का सबसे आधुनिक डेयरी प्लांट भारत में होगा।
- श्वेत क्रांति 0:उन्होंने ‘श्वेत क्रांति 2.0’ के तहत 2028-29 तक देश में 75,000 से अधिक डेयरी समितियाँ स्थापित करने और मौजूदा 46,000 समितियों को मजबूत करने की बात कही।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था:उन्होंने कहा कि डेयरी उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है और सरकार पशु आहार उत्पादन, गोबर प्रबंधन और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
अन्य कार्यक्रम:
- खादी कारीगर महोत्सव:अमित शाह ने इसी दिन रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित खादी कारीगर महोत्सव में भी भाग लिया, जहाँ उन्होंने 2,200 कारीगरों को टूल किट वितरित किए।
- नए आपराधिक कानून पर प्रदर्शनी: कुरुक्षेत्र में उन्होंने नए आपराधिक कानूनों पर आधारित एक राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिससे न्याय प्रणाली में बदलावों की जानकारी मिलेगी।